भूल जाना तुम मुझे, अपनी भूलों की तरह, तोड़ देना दिल मेरा, तुम उसूलों की तरह, भूल जाना तुम मुझे, अपनी भूलों की तरह, तोड़ देना दिल मेरा, तुम उसूलों की तरह, भूल जाना तुम मुझे, भूल जाना, ता'ने तेरे काँटे हैं और दिल फूलों की तरह, मिट ना जाऊँ मैं कहीं इन पतंगों की तरह, गर मुकम्मल हो जहाँ, तेरा मेरे बिन अगर, फिर गिरा दो मुझ को, कच्ची फ़सीलों की तरह, साहिलों मुझ को, मिटा दो, मिटा दो 'अज़ीज़ों की तरह, तुम मिटा दो, ये निशाँ मेरे, मौजों की तरह, भूल जाना तुम मुझे, भूल जाना, प्यार अँधियारों से, होने लगा है मुझ को अब, तुम बुझा दो यूँ मुझे, कुछ इन चराग़ों की तरह, गिर रही शबनम नयन से क्यूँ है आगों की तरह, फिर कसक उठने लगी यादों से ज़ख़्मों की तरह, कर मुझे कामिल या दिल को तू तबाही बख़्श दे, तू छुपा ले दिल में, हम को इन गुनाहों की तरह, भूल जाना तुम मुझे, अपनी भूलों की तरह, तोड़ देना दिल मेरा, तुम उसूलों की तरह, भूल जाना तुम मुझे,
मुकम्मल - completed, perfected
फ़सीलों - wall, parapet
साहिलों - sea shores
'अज़ीज़ों - loved ones
बो'द - distance
कसक - pain, affliction, pang
दफ़ीनों - dormant desires
तस्लीम - accept
नासेह - adviser
कामिल - complete
मज़ारों - tombs
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